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POWERTHON-2022

पॉवरथॉन-2022 का शुभारंभ

सन्दर्भ-केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने बिजली वितरण में उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए “पॉवरथॉन-2022” का वर्चुअल रूप में शुभारंभ किया।
प्रमुख तथ्य-यह प्रौद्योगिकी संचालित समाधान खोजने के लिए आरडीएसएस के तहत एक हैकथॉन प्रतियोगिता है।
:आरडीएसएस बिजली मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक सुधार-केंद्रित और परिणाम उन्मुखी योजना है जिसका प्रमुख उद्देश्य एटीएंडसी घाटे को 12-15 प्रतिशत तक कम करना है।
:साइन, भारत का अग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थान – आईआईटी मुंबई के सहयोग से आरईसी लिमिटेड ने आज एक हैकथॉन प्रतियोगिता – पावरथॉन-2022 का आयोजन किया जा रहा है।
:आरडीएसएस के तहत पावरथॉन-2022 का लक्ष्य एक सशक्त बिजली क्षेत्र का निर्माण करना है।
:जिसमें प्रौद्योगिकी समाधान प्रदाता (टीएसपी), स्टार्ट-अप, शैक्षणिक संस्थान, अनुसंधान संस्थान, उपकरण निर्माता, राज्य बिजली यूटिलिटीज तथा राज्य एवं केंद्रीय बिजली क्षेत्र की अन्य संस्थाओं को बिजली वितरण क्षेत्र में वर्तमान चुनौतियों/समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाएगी
:साथ ही जटिल समस्याओं को हल करने के लिए उनके प्रौद्योगिकी संचालित समाधानों में शामिल होने तथा उन्हें प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
:बिजली वितरण क्षेत्र में नौ (09) विषयों पर एआई/एमएल, ब्लॉकचैन,आईओटी,वीआर/एआर आदि जैसी उभरती उन्नत प्रौद्योगिकियों के आधार पर प्रतिभागी अभिनव समाधान की तलाश करेंगे।
:इन्हे 9 राज्यों में 14 डिस्कॉम के साथ विभिन्न चर्चाओं और परामर्श के बाद चिन्हित गया है और पायलट परीक्षण के लिए 9 व्यापक पहलुओं में वर्गीकृत किया गया है
मांग/भार पूर्वानुमान
संपत्ति निरीक्षण
• वनस्पति प्रबंधन
• ऊर्जा की चोरी का पता लगाना
• बिजली खरीद का अनुकूलन
•उपभोक्ता के अनुभव में वृद्धि
• नवीकरणीय ऊर्जा का संयोजन
• तकनीकी और वाणिज्यिक(T& C) हानि में कमी
• वितरण ट्रांसफार्मर (DT) विफलता का अनुमान
:यह प्रतियोगिता देश भर के टीएसपी, इनोवेटर्स और अन्य प्रतिभागियों के साथ योग्य सलाहकारों को एक साथ लाएगी, ताकि भविष्य के लिए हैक करने वाली टीम बनाई जा सके और समाधान विकसित किया जा सके, जो एक अधिक जीवंत और कुशल बिजली नेटवर्क बनाने में योगदान दे सके।
:प्रतियोगिता के तहत प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) के समग्र मूल्यांकन और टीएसपी के चयन के लिए एक विशेषज्ञ समूह और एक तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है।
:समस्या संबंधी प्रत्येक विवरण के लिए, 4-5 टीएसपीएस को उनके प्रूफ ऑफ़ कॉन्सेप्ट (पीओसी) के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और डिस्कॉम टेस्ट-बेड पर पायलट दौर के लिए कहा जाएगा।
:यदि पायलट दौर सफल होता है,तो आरडीएसएस योजना के तहत बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा।

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By gkvidya

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