
PHOTO:WIKI
सन्दर्भ-संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 अप्रैल 2022 को यूक्रेन में रूसी सैनिकों पर हमला करके “मानव अधिकारों के सकल और व्यवस्थित उल्लंघन और हनन” की रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित कर दिया।
प्रमुख तथ्य-यू.एस. के नेतृत्व वाले प्रस्ताव के पक्ष मे 93 वोट हासिल किए,जबकि 24 देशों ने वोट नहीं दिया और भारत सहित 58 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
:रूस को 47-सदस्यीय परिषद से निलंबित करने के लिए मतदान सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत – अनुपस्थिति की गिनती नहीं है – की आवश्यकता थी।
:निलंबन दुर्लभ हैं,लीबिया को 2011 में तत्कालीन नेता मुअम्मर गद्दाफी के प्रति वफादार बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के कारण निलंबित कर दिया गया था।
:193 सदस्यीय महासभा के मसौदे द्वारा अपनाया गया संकल्प “यूक्रेन में चल रहे मानवाधिकारों और मानवीय संकट पर गंभीर चिंता” व्यक्त करता है,विशेष रूप से रूस द्वारा अधिकारों के हनन की रिपोर्ट पर।
:रूस जिनेवा स्थित परिषद में अपने तीन साल के कार्यकाल के दूसरे वर्ष में था, जो कानूनी रूप से बाध्यकारी निर्णय नहीं ले सकता। हालाँकि,इसके निर्णय महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश भेजते हैं,और यह जाँच को अधिकृत कर सकता है।
:यूक्रेन संकट पर UNHRC से रूस को निलंबित करने के लिए भारत ने यूएनजीए में मतदान से परहेज किया।
:ऐतिहासिक मतदान के बाद रूस परिषद के कामकाज में भाग नहीं ले पाएगा तथा वहां अपना दुष्प्रचार नहीं कर पाएगा क्योंकि परिषद का जांच आयोग यूक्रेन में रूस द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघनों और दुरुपयोग की जांच कर रहा है।