
सन्दर्भ-नीति आयोग ने राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक-राउंड-1 का शुभारंभ किया है।
प्रमुख तथ्य-:यह सूचकांक नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में 11 अप्रैल 2022 को जारी किया गया।
:राउंड-1 में राज्यों के प्रदर्शन को 6 मापदंडों में कार्य प्रदर्शन के आधार पर रैंक दिया गया है,जिन्हे 27 संकेतकों में विभाजित किया गया है-
1-नई पहल
2-ऊर्जा दक्षता
3-डिस्कॉम का प्रदर्शन
4-स्वच्छ ऊर्जा पहल
5-पर्यावरण में स्थिरता
6-ऊर्जा की पहुंच,सामर्थ्य और विश्वसनीयता
:समग्र SECI राउंड-1 स्कोर के आधार पर, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तीन समूहों फ्रंट रनर,अचीवर्स और एस्पिरेंट्स में वर्गीकृत किया गया है।
:राज्यों को आकार और भौगोलिक अंतर के आधार पर बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
:बड़े राज्यों की श्रेणी में गुजरात,केरल और पंजाब को शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ता राज्यों के रूप में स्थान दिया गया है।
:गोवा,छोटे राज्यों की श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा है,इसके बाद त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है।
:केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़,दिल्ली,दमन और दीव/दादरा और नगर हवेली शीर्ष प्रदर्शनकर्ता हैं।
:उत्तर प्रदेश का इस सूचकांक में 13वां स्थान है।
:रिपोर्ट के इस संस्करण से पता चलता है कि राज्य स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
:ऐसे आंकड़ों का पता लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने की जरूरत है ताकि इन्हें आने वाली रिपोर्ट्स में शामिल किया जा सके।
:COP-26, ग्लासगो में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित ‘पंचामृत‘ के लक्ष्यों को हासिल करने हेतु हमारे प्रयासों को एक जन आंदोलन के रूप में बदलने की जरुरत है,जिसके लिए राज्यों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है।
:महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने हेतु निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु अनुकूल नीतिगत माहौल बनाने की जरुरत है।