सन्दर्भ-केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन तथा डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आज नई दिल्ली में 20वीं पशुधन गणना
(20th Livestock Census) के आधार पर नस्ल के अनुसार पशुधन और पोल्ट्री रिपोर्ट (Breed-Wise Report of Livestock and Poultry) जारी की।
प्रमुख तथ्य-:देश में पहली बार नस्ल के अनुसार डाटा संग्रह का काम किया गया।
:नस्ल के अनुसार डाटा संग्रह करने का काम 20वीं पशुधन गणना, 2019 के साथ किया गया।
:डाटा संग्रह का काम कागज के स्थान पर टैबलेट कंप्यूटर का इस्तेमाल करके किया गया,जो वास्तव में अनूठा प्रयास है।
:राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) की मान्यता के आधार पर पशुधन तथा पोल्ट्री पक्षियों की गणना की गई।
रिपोर्ट के प्रमुख आकर्षण:
:एनबीएजीआर द्वारा पंजीकृत 19 चयनित प्रजातियों की 184 मान्यता प्राप्त स्वदेशी / विदेशी और संकर नस्लों को शामिल किया गया है।
:41 मान्यता प्राप्त स्वदेशी मवेशी हैं जबकि 4 विदेशी/संकर नस्लें शामिल हैं।
:मवेशियों की आबादी में विदेशी और संकर पशु का योगदान लगभग 26.5 प्रतिशत है जबकि 73.5 प्रतिशत स्वदेशी और बिना वर्ग के मवेशी हैं।
:कुल देशी मवेशियों में गिर, लखीमी और साहीवाल नस्लों का प्रमुख योगदान है।
:भैंस में मुर्रा नस्ल का प्रमुख योगदान 42.8 प्रतिशत है, जो सामान्यतः उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पाया जाता है।
:भेड़ में 3 विदेशी और 26 देशी नस्लें पाई गईं,जिनमे विदेशी नस्लों में कोरिडेल नस्ल 17.3 प्रतिशत है और स्वदेशी नस्लों में नेल्लोर नस्ल का योगदान 20.0 प्रतिशत है।
:देश में बकरियों की 28 देशी नस्लें पाई गई हैं,जिनमे ब्लैक बंगाल नस्ल की हिस्सेदारी 18.6% है।
:घोड़ा तथा टट्टुओं में मारवाड़ी नस्ल का हिस्सा प्रमुख रूप से 9.8 प्रतिशत है।
:गधों में स्पीति नस्ल की हिस्सेदारी 8.3 प्रतिशत है।
:ऊँट में बीकानेरी नस्ल का योगदान 29.6 प्रतिशत है।
:कुल विदेशी/संकर मवेशियों में संकर होल्स्टीन फ्राइज़ियन (एचएफ) के 39.3 प्रतिशत की तुलना में संकर जर्सी का हिस्सा 49.3 प्रतिशत है।
:कुक्कुट,देसी मुर्गी में,असील नस्ल मुख्य रूप से बैकयार्ड कुक्कुट पालन और वाणिज्यिक कुक्कुट फार्म दोनों में योगदान करती है।