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1-भारत और ब्रिटेन के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू

प्रमुख तथ्य-1:यूनाइटेड किंगडम और भारत कोंकण शक्ति नामक अपना संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है।

2:यह भारत और यूके के बीच पहला ट्राई सर्विसेज संयुक्त अभ्यास है इस अभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच निरंतर सहयोग को प्रदर्शित करना है।

3:अभ्यास का समुद्री घटक दो चरणों में भारत के पश्चिमी तट पर आयोजित किया जाएगा,हार्बर चरण 21 से 23 अक्टूबर तक मुंबई में आयोजित किया जाएगा जो समुद्र में चरण की ओर बढ़कर 27 अक्टूबर को समाप्त होगा।

4:संयुक्त अभ्यास में F35s,MiG 29Ks और भारतीय वायु सेना से जुड़े हवाई सामरिक संचालन होंगे।

5:समुद्री अभ्यास में उन्नत युद्ध रणनीति पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास,वायु रक्षा अभ्यास आदि शामिल होंगे।

6:अभ्यास का स्थलीय चरण उत्तराखंड के चौबटिया में आयोजित किया जाएगा।

7:अजय वारियर इन दोनों देशों के बीच एक सैन्य अभ्यास है जो उत्तराखंड में चल रहा है।

2-6G तकनीक

यह चर्चा में क्यों है-5G के बाद अब 6G इंटरनेट तकनीक की चर्चा होने लगी है,हाल ही में सरकार ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ टेलीमेटिक्स (C-DOT)को दिशा निर्देश दिए हैं इंटरनेट की दिशा में तेजी से काम करें।

वैसे जापान जैसा देश काफी पहले से ही 6G तकनीक पर काम कर रहा है,और इसे 5G के बाद 2030 तकलांच करने का लक्ष्य रखा है

क्या है इसकी विशेषता – 6G छठी पीढ़ी की इंटरनेट तकनीक है जिसमें 5G से आगे की तकनीक है,और जिसकी आवृत्ति काफी बड़ी है,क्षमता भी काफी अधिक है क्योंकि इसमें लेटेंसी रेट काफी अधिक होगी।

क्या है लेटेंसी- एक नेटवर्क में डाटा को किसी एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पहुंचने में लगने वाला समय है,6G मैं लेटेंसी को एक माइक्रो सेकंड तक रखने की कोशिश की जा रही है

इस नए 6G तकनीक में डाटा रेट 1 टेराबाइट प्रति सेकंड अर्थात 1024 गीगाबाइट के बराबर होगी है।

6G तकनीक में तेज गति के लिए टेराहर्ट्ज़ बैंड का प्रयोग होगाा

4G 5G और 6G में अंतर-

विशेषता  4G  56 6G
डाटा रेट 1 GBPS 10 GBPS 1TBPS
लेटेंसी 100 मिलीसेकंड 10 मिलीसेकंड 1 माइक्रोसैकेण्ड
मैक्सिमम स्पेक्ट्रल एफिशंसी 15 bps/Hz 30 bps/Hz 100 bps/Hz
मोबिलिटी सपोर्ट 350 किमी/घंटा 500 किमी/घंटा 1000 किमी/घंटा
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस नहीं आंशिक पूर्णतः
ऑटोनोमस व्हीकल्स नहीं आंशिक पूर्णतः
सॅटॅलाइट इंटीग्रेशन नहीं नहीं पूर्णतः

3-UNEP ने उत्पादन अंतराल रिपोर्ट 2021 जारी की

प्रमुख तथ्य.1. यह रिपोर्ट पेरिस समझौते के तहत निर्धारित तापमान सीमा के अनुरूप सरकार द्वारा भविष्य में किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन के योजनाबद्ध उत्पादन और वैश्विक उत्पादन स्तरों के बिच अंतराल का मापन बताती है।

  1. क्यों की पेरिस समझौतों के तहत वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री / 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की बात कही गई है।
  2. इस रिपोर्ट के अनुसार एक और विभिन्न देश का पेरिस समझौते के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य निर्धारित करने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन उत्पादन में शीघ्रता से कमी करने के लिए स्पष्ट रूप से उठाए जाने वाले ठोस कदमों की पहचान या इससे जुड़े किसी भी योजना का निर्माण नहीं किया है जबकि पेरिस जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सबसे जरुरी है।
  3. इस रिपोर्ट के अनुशार विश्व के विभिन्न देश वर्ष 2030 तक 110%अधिक जीवाश्म ईंधन का उत्पादन करने की योजना बना चुके हैं जो की कही से यह वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित करने के लक्ष्य मेल नहीं खता।यदि वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित राखी जाए तो भी यह उत्पादन 45%अधिक है।
  4. हलाकि G20 देशों ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत में ही जीवाश्म ईंधन क्रियाविधि हेतु ने एक नए फंड में 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करना आरंभ कर दिया था जो कि उनके द्वारा स्वच्छ ऊर्जा के लिए आवंटित राशि से कही अधिक है।

 मुख्य सिफारिशें-1. देशों की ऊर्जा और जलवायु योजनाओं की स्वीकार्यता हेतु वैश्विक जीवाश्म ईंधन उत्पादन को पेरिस समझौते की सीमाओं के अनुशार कम करने की जरुरत है।

  1. जीवाश्म ईंधन की खोज और निकालने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए,साथ ही जीवाश्म ईंधन उत्पादन के लिए सरकारी सहायता को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना चाहिए।
  2. उत्पादन के अधिक प्रभावी और न्याय संगत रूप हटाने लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग लेना जरुरी है।

क्या है पेरिस समझौता- यह एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय समझौता है जिसे जलवायु परिवर्तन तथा उसके नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए वर्ष 2015 में  विश्व के लगभग सभी देशों ने अपनाया था, इसका उद्देश्य ग्रीन हाउस गैसों के उतसर्जन स्टार को 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम रखना साथ ही इसे इस सदी में वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व औद्योगिक स्तर से 2 डिग्री सेल्सियस कम पर रखना।

4- अंतराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस

प्रमुख तथ्य-1: हर वर्ष 23 अक्टूबर को इसे मनाया जाता है, पहली बार इसे 2014 में बनाया गया था। इसके पूर्व  2013 की घोषणा के तहत 23 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के रूप में अधिसूचित किया गया था। 

2: उद्देश्य है-इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना और 2015 को हिम तेंदुए के अन्र्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित भी किया गया था।

3: इसका वैज्ञानिक नाम पेंथेरा अनकिए  है, इसे पहाड़ों का बहुत भी कहा जाता है।

4:ये मुख्य रूप से उत्तरी और मध्य एशिया के हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते है जिन्हे भारत सहित विश्व के कुल 12 देशों में पाए जाते है।

5: भारत में मुख्यतः जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में फैले हुए है।

6:हिम तेंदुए को I.U.C.N की रेड लिस्ट में वल्नरेबल( सुभेद्य ) की सूचि में रखा गया है।

7:भारत की पहल- भारत ने 2009 में, प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड 2009 पांच राज्यों-जम्मू और कश्मीर,हिमाचल प्रदेश सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश से आरम्भ किया था सरकार ने इनके सरक्षण के लिए भारतीय वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार(अनुसूची-1 के तहत ) हिम तेंदुए के शिकार को प्रतिबंधित किया गया है,2019 में किये गए सर्वेक्षण के अनुसार अभी भारत में इनकी कुल संख्या विश्व के 10% है।

8:वैश्विक हिम तेंदुआ और परिश्थितिकी तंत्र कार्यक्रम जिसके शुरुआत किर्गिस्तान सरकार द्वारा शुरू किया गया था, भारत्त इस कार्क्रम का एक हस्ताक्षरकर्ता है।

5-उड़ान योजना 

प्रमुख तथ्य-1:क्यों है चर्चा में- भारत सरकार ने 21 अक्टूबर को उड़ान दिवस के रूप में घोषित किया है क्योंकि पहली बार 21 अक्टूबर को ही उड़ान योजना के दस्तावेज जारी किए गए थे।

2:क्या है उड़ान योजना- UDAN-उड़े देश का आम नागरिक, इसका उद्देश्य देश के दूरदराज और क्षेत्रीय क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाना और हवाई यात्रा को वह वहनीय और सुलभ बनाना है इसे 2016 में लॉन्च किया गया था इस योजना के तहत फ्लाइट में लगभग आधी सीटें रियायती दर पर दी जाती है और इसमें भाग लेने वाले कैरियर को एक निश्चित व्यवहारिकता अंतराल निधि दी जाती है जिसे केंद्र और संबंधित राज्यों के बीच साझा किया जाता है।

3:यह योजना 10 साल तक जारी रहेगी और इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

4:उड़ान योजना के तहत भारत की हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए 6 नए मार्गो को जोड़ा गया अब तक 387 मार्गो और 60 हवाई अड्डे का संचालन किया जा चुका है जिनमें से 100 मार्ग अकेले उत्तर पूर्व के हैं।

5:उड़ान 4.1 छोटी हवाई अड्डा खास तौर पर हेलीकॉप्टर और सी प्लेन मार्गो को जोड़ने पर केंद्रित है।

 


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By gkvidya

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