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1-भारत निर्वाचन आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया

चर्चा के कारण – भारत निर्वाचन आयोग 3 सितंबर, 2019 से तीन साल के लिए ए-डब्ल्यूईबी का अध्यक्ष बना है,जिसेके दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में
26 नवंबर, 2021 को इस वेबिनार का आयोजन किया गया।
विषय होगा-“महिलाओं,दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की चुनावी भागीदारी बढ़ाना : सर्वोत्तम प्रथाओं और नई पहलों को साझा करना”
प्रमुख तथ्य-:इसमें वेबिनार में 24 देशों के अतिरिक्त 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों- इंटरनेशनल आईडीइए,IFES (इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ इलेक्टोरल सिस्टम) , AWEB (एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज) और यूरोपियन सेंटर फॉर इलेक्शन के लगभग 100 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
:वेबिनार में EMB और संगठनों द्वारा महिलाओं,दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की चुनावी भागीदारी बढ़ाने के लिए उनके द्वारा अपनायी गयी सर्वोत्तम प्रथाओं/तरीकों और पहलों पर प्रेजेंटेशन दी जाएगी।
: वेबिनार के पहले सत्र की सह-अध्यक्षता भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और मॉरीशस के मुख्य चुनाव आयुक्त मोहम्मद इरफ़ान अब्दुल रहमान और बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त के एम नूरुल हुडा करेंगे।
:दूसरे सत्र की सह अध्यक्षता चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और भूटान निर्वाचन आयोग के आयुक्त दाशो उग्येन चेवांग के साथ करेंगे।
:तीसरे सत्र की सह-अध्यक्षता चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडे और श्रीलंका के निर्वाचन आयोग के सदस्य श्री एम.एम. मोहम्मद करेंगे।
:समापन सत्र में चुनावी लोकतंत्र पर कैंब्रिज सम्मेलन के सलाहकार पीटर वार्डले, पीटर एर्बेन प्रधान सलाहकार (IEFS), डॉ. नोम्सा मसुकु आय़ुक्त, चुनाव आयोग दक्षिण अफ्रीका संबोधित करेंगे।
:AWEB (एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज)-:विश्व भर में चुनाव प्रबंधन निकायों(EMB) का सबसे बड़ा संघ है,इसमें 117 सदस्य तथा 16 क्षेत्रीय सदस्य(संघ/संगठन) शामिल है.इसकी स्थापना 2013 में किया गया था।
:भारत इसका 2019-2022 सत्र के लिए अध्यक्ष बना है जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य निर्वाचन अधिकारी करेंगे,इससे पूर्व अध्यक्षता रोमानिया के पास थी अब यह ध्वज भारत के पास रहेगा।

2-मनरेगा के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त राशि का आवंटन किया

चर्चा क्यों है- वित्त मंत्रालय ने मनरेगा योजना के लिए अंतरिम उपाय के रूप में 10000 करोड रूपए की अतिरिक्त राशि का आवंटन किया,जिसे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में अनुपूरक बजट मांगों में शामिल किया जाएगा।
प्रमुख तथ्य-:यह फैसला योजना को मजबूत और विस्तारित करने के मकसद से लिया गया है।
:अभी तक चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में योजना के कार्यान्वयन के लिए 68568 करोड़ से अधिक के राशि जारी किए जा चुके हैं।

:पिछले वित्त वर्ष के दौरान वित्त मंत्रालय ने बजट अनुमान के अतिरिक्त इस योजना के लिए ₹50 हज़ार करोड़ का अतिरिक्त राशि आवंटित किया है।
मनरेगा-:महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के रूप में भी जाना जाता हैजिसे 2005 में पारित किया गया था।
:इसको पहले राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के रूप में जाना जाता था,जिसे 2 अक्टूबर 2009 को इस अधिनियम में संशोधन कर इसके नाम को नरेगा से मनरेगा कर दिया गया।
:यह मांग प्रेरित योजना है,जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आजीविका की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
:इसके लिए यह एक वित्तीय वर्ष में एक ग्रामीण परिवार के व्यस्त सदस्य जो अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं,को 100 दिनों के वेतन रोजगार की गारंटी देता है।
:योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा नोडल मंत्रालय रूप में किया जाता है।

3-नीति आयोग ने जारी किया भारत का पहला बहुआयामी गरीबी सूचकांक

सन्दर्भ- हाल ही में नीति आयोग ने देश का पहला बहुआयामी गरीबी सूचकांक(MPI) जारी किया है,जो की राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2015-16 की संदर्भ समय पर आधारित है।
प्रमुख तथ्य-:नीति आयोग द्वारा जारी MPI को ऑक्सफ़ोर्ड पावर्टी एंड ह्यूमेन इनिशिएटिव (OPHI) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत कार्यप्रणाली के आधार पर जारी किया गया है।
:यह परिवारों द्वारा सामना की जाने वाली परेशानियों और अभाव को दर्ज करता है,जिसे तीन समान भार वाले आयामों स्वास्थ्य,शिक्षा,जीवन स्तर से जुड़े 12 सूचकांकों के आधार पर वर्गीकरण किया गया है।
ये सूचकांक है – पोषण,बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसव पूर्व देखभाल,स्कूली शिक्षा के वर्ष,स्कूल में उपस्थिति,खाना पकाने का ईंधन,स्वच्छता,पीने का पानी बिजली,आवास,संपत्ति और बैंक खाते।
:इस सूचकांक में 700 से अधिक जिलों में गरीबी के स्तर का आंकलन किया गया है।
:सूचकांक के मुताबिक-

भारत के सबसे गरीब राज्य हैंबिहार-51.91%,झारखण्ड -42.16%,उत्तर प्रदेश -37.79% मध्य प्रदेश –      36.65%,मेघालय-32.67%
भारत के सबसे कम गरीब राज्य हैं-केरल-0.71%,गोवा- 3.76%,सिक्किम-3.82%,तमिलनाडु-4.89%,और पंजाब 5.59%

4- रिवर सिटीज एलाइंस का शुभारंभ किया गया

रिवर सिटीज अलायन्स

 

चर्चा क्यों है-हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने रिवर सिटीज एलाइंस(RCA) का शुभारंभ जो नदियों के किनारे बसे शहरों के सतत प्रबंधन को लेकर एक विचार मंच होगा।
प्रमुख तथ्य-:इसके निर्माण के लिए 2 मंत्रालयों यानी जल शक्ति मंत्रालय और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने आपस में साझेदारी की है।
:यह अलायन्स निम्न तीन विषयों पर ध्यान देगा-क्षमता निर्माण,नेटवर्किंग,और तकनिकी सहायता।
:इसका मुख्यालय नई दिल्ली स्थित NIUA अर्थात राष्ट्रीय शहरी मामलों के संस्थान में स्थापित किया जायेगा।
:इसका उद्देश्य शहरी नदियों के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में चर्चा करने के लिए सदस्य शहरों को एक मंच प्रदान करना,ताकि शहरी नदियों के लिए अहम् पहलुओं ताकि पुनः उपयोग के माध्यम से आत्मनिर्भर जल संसाधनों का विकास कर सके। जैसे पुनर्चक्रण,वाटर फुटप्रिंट में कमी इत्यादि का।
:यह गठबंधन शहरी नदी से संबंधित दिशाओं के साथ राष्ट्रीय नीतियों को अपनाने,शहरी नदी प्रबंधन योजना तैयार करने,और शहर विशिष्ट क्षेत्र की रणनीति विकसित करने की दिशा में काम करेगा।
:इस अवसर पर 3 सत्र भी आयोजित किए गए जिनमे पहला सत्र रिवर सिटी एलायंस के संचालन पर था,दूसरा समग्र शहरी नदी प्रबंधन पर एक गोलमेज चर्चा,तथा तीसरा सत्र सिटीज एलायंस के लिए फोर्जिंग सिनर्जीज पर केंद्रित था।
:प्रधानमंत्री ने 2019 में आयोजित राष्ट्रीय गंगा परिषद् की बैठक में नदी किनारे बेस शहरों की योजना बनाने में एक नयी केंद्रित सोच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था जिसको नियामकीय रूप साथ विकासात्मक और सुविधाजनक दृष्टिकोण से विकसित किया जाना चाहिए।
:इसी का परिणाम था की स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMCG) और शहरी मामलों के राष्ट्रीय संस्थान (NIUA) मिलकर नदी शहर गठबंधन(RCA) की शुरुआत की है।
:अभी नदी शहर गठबंधन(RCA) से 30 शहर जुड़ रहे है।

5-राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसन्धान संस्थान ने विकसित किया “प्रोजेक्ट स्वदेश”

चर्चा में क्यों है-हरियाणा स्थित राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसन्धान संस्थान ने दुनिया की पहली मल्टीमॉडल ब्रेन इमेजिंग डाटा और पहल प्रोजेक्ट स्वदेश विकसित किया।
उद्देश्य है-इसका उद्देश्य मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग और न्यूरोसाइकोलॉजी मूल्यांकन माध्यम से उत्पन्न न्यूरोइमेजिंग डाटा को एकीकृत करना।
प्रमुख तथ्य-:इसे विशेष रूप से भारतीय लोगो के लिए विकसित किया गया है क्योकि इस पहल में बड़े पैमाने पर मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डाटाबेस है।
:प्रोजेक्ट स्वदेश का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने 19 नवंबर 2021 को किया।
स्वदेश क्या है-:यह एक समर्पित डाटा भण्डारण प्रणाली है जो गुणवत्ता नियंत्रण और डाटा बैकअप प्रदान करता है।
:इस डाटा के माध्यम से विश्व के शोधकर्ता इसके इमेजिंग आधारित बायोमार्कर का विश्लेषण करके किसी भी बीमारी के बारे में सूचना एकत्रित करते है।
:इस डाटा को विभिन्न न्यूरोइमेजिंग तकनीकों जैसे चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI-Magnetic Resonance Imaging ),चुम्बकीय अनुनाद स्पेकट्रोस्कोपी (MRS-Magnetic Resonance Spectroscopy) के द्वारा लिया जाता है।
:स्वदेश एक छः मॉड्यूल वाले बड़े डाटा आर्किटेक्ट के विश्लेषण का प्रस्ताव करता है –
न्यूरोडीजेनरेटिव-अल्ज़ाइमर और पार्किसंस रोग के लिए
न्यूरोसाइकियाट्रिक-बाइपोलर और सिज़ोफ्रेनिआ विकार के लिए
कोविड-19 से सम्बंधित विकार के लिए
न्यूरोडेवेलोपमेंट-मिर्गी और ऑटिज़्म के लिए
अन्य विकारों के लिए, तथा स्वास्थ्य विषय से जुड़े अन्य

6-दक्षिण अफ्रीका में पाया गया कोरोना वायरस का नया वैरिएंट 

चर्चा का कारण-हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए संस्करण B.1.1.529 की पहचान की गयी है,साथ ही इसे हांगकांग और बोत्सवाना में भी पाया गया है।
प्रमुख तथ्य-:इसमें स्पाइक प्रोटीन में 30 से भी ज्यादे म्युटेशन पाए गए है(कोशिकाओं को बांधने वाला घाटक).
:इसके HIV संक्रमितों से फ़ैलाने की अधिक संभावनाएं है,और दक्षिण अफ्रीका में 8.2 मिलियन लोग HIV संक्रमित है।
:WHO इसके नए नाम का प्रस्ताव किया है जिसे Nu कहा जा सकता है।
:हालाँकि इसके चिंताजनक होने के रूप में नामित नहीं किया गया है।
नया वेरिएंट कैसे काम करेगा -:वायरस का विकास पेड़ की शाखाओं की तरह हो रहा है,जिससे एक बार फ़ैलाने के साथ बार बार अपनी स्थिति को बदलते रह रहा है।
:हालांकि इसके भौतिक लक्षणों में अंतर की तुलना करके इसके बदलाओं की निगरानी की जा सकती है।
:इस अंतर के आधार पर ही वैज्ञानिक यह घोषणा कर सकते है की वायरस का यह रूप अन्य रूपों से कितना खतरनाक है।
:WHO के अनुसार वर्तमान में चार प्रकारों को चिंता युक्त नामित करता है-बीटा (बी.1.351),अल्फ़ा (बी.1.1.7),डेल्टा(बी.1.617.2),और गमा(पी.1) 

भारत की पहल-भारत ने भी कोरोना के इस वेरिएंट पर अलर्ट जारी किया है,साथ ही बाहर से आने वाले यात्रियों की कड़ी जाँच भी की जाएगी,क्योंकि भारत को जोखिम देश की श्रेणी में रखा गया है,इस श्रेणी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार यात्रियों के सम्पर्को पर ध्यान रखा जायेगा और उनका परिक्षण भी किया जायेगा।

WHO 

7-दिल्ली के सदर बाजार पुलिस स्टेशन को भारत का सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन घोषित किया गया

सन्दर्भ-गृह मंत्रालय ने देश शीर्ष 10 पुलिस स्टेशनों की वार्षिक सूची जारी की तथा गृहमंत्री अमित शाह ने स्टेशन हाउस को ट्रॉफियां भेट की।
प्रमुख तथ्य-: 2021 के लिए भारत के शीर्ष 10 पुलिस स्टेशन
:दिल्ली में सदर बाजार पुलिस स्टेशन (PS) 2021 के लिए जारी सूची में भारत में सबसे ऊपर है।
:ओडिशा के गंजम में गंगापुर पीएस को दूसरे स्थान मिला।
:हरियाणा के फतेहाबाद में स्थित भट्टू कलां पीएस को तीसरा स्थान मिला।
:उत्तर प्रदेश,लखनऊ में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) द्वारा आयोजित पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सम्मेलन में शीर्ष 3 स्टेशनों के अधिकारी (एसएचओ) को ट्रॉफियां भेट की।
शीर्ष 10 में अन्य पीएस रहे-उत्तरी गोवा, का वालपोई पीएस; कर्नाटक में रायचूर के मानवी पीएस; लक्षद्वीप में कदमत द्वीप पीएस,महाराष्ट्र में सांगली के शिराला पीएस,तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली के थोट्टियम पीएस,जम्मू और कश्मीर में उधमपुर के बसंतगढ़ पीएस,और बिहार में अरवल रामपुर के चौराम पीएस।
रैंकिंग कैसे की जाती है-रैंकिंग प्रक्रिया संपत्ति,अपराधों से निपटने,महिलाओं के खिलाफ अपराध,कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराध,लापता व्यक्तियों के मामले, बुनियादी ढांचे,कर्मियों की पहुंच और नागरिकों की प्रतिक्रिया आदि जैसे मापदंडों के आधार पर पुलिस स्टेशनों के प्रदर्शन का आकलन करती है।

 


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By gkvidya

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