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MAHATMA GANDHI-KULAR BHITTI CHITR
मिट्टी के कुल्हड़ों से बने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के भित्ति चित्र

सन्दर्भ-केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर मिट्टी के कुल्हड़ों से बने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के भित्ति चित्र का अनावरण किया।
प्रमुख तथ्य-:लाल रंग की ग्लेज्ड मिट्टी के 2975 कुल्हड़ों से दीवार पर बना 100 वर्ग मीटर भित्ति चित्र भारत में अपनी तरह का केवल दूसरा और गुजरात में पहला है।
:स्मारक भित्ति चित्र देशभर से एकत्र की गई मिट्टी से बनाया गया है।
:इसमें इस्तेमाल किए गए कुल्हड़ KVIC की “कुम्हार सशक्तिकरण योजना” के तहत प्रशिक्षित 75 कुम्हारों द्वारा बनाए गए हैं।
:महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने का एक बहुत सुंदर कार्यक्रम खादी ग्रामोद्योग आयोग ने किया है जिसमें कुल्हड़ों से बना महात्मा गांधी का भित्ति चित्र दर्शाया गया है।
:इससे महात्मा गांधी के संदेश के साथ ही खादी और स्वदेशी का संदेश भी उन तक पहुंचेगा।
:स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74वीं शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा ये भित्ति चित्र तैयार किया गया था।
:यह वर्ष आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है,आज़ादी के 75वें साल को देश अत्यंत उत्साह के साथ मनाने का निर्णय लिया है।
:इसके दो उद्देश्य हैं-पहला, नई पीढ़ी को आज़ादी के संग्राम – 1857 से 1947 तक की लड़ाई के हर संघर्ष के महत्व के बारे में बताया जाए और राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक संकल्प नई पीढ़ी के मन में जागृत किया जाए।
दूसरा उद्देश्य- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने एक विचार रखा है कि हम आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और जब आज़ादी के 100 साल पूरे होंगे,तब हर क्षेत्र में भारत कहां होगा,उसका लक्ष्य तय करना है और उसका संकल्प लेना है।
:आज़ादी के अमृत महोत्सव में नई शिक्षा नीति लाई गई,जिसने ये बताया कि ज्ञान पाने के लिये स्वभाषा से मजबूत और कोई साधन नहीं हो सकता।
:मेक इन इन्डिया,आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल – स्वदेशी की नई परिभाषा है और ये तीनों बातें बापू के स्वदेशी के सिद्धांत से ही निकली हुई हैं।
:बापू ने ना सिर्फ आज़ादी की लड़ाई की शुरूआत की, बल्कि आज़ादी की लड़ाई में,स्वराज की लड़ाई के दौरान कई ऐसे विचार रखे जो आज़ादी पाने के लिए तो ज़रूरी थे ही,परंतु आज़ादी के बाद भारत के पुनर्निर्माण के लिए भी आवश्यक है।
:स्वदेशी, स्वभाषा, सत्याग्रह, प्रार्थना, उपवास, साधनशुद्धि, अपरिग्रह, सादगी – यह सिद्धांत गांधीजी ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान देश की जनता को दिए और इनके आधार पर ही भारत के पुनर्निर्माण की शुरूआत हुई।
कुम्हार सशक्तिकरण योजना-:देश के नागरिकों (कुम्हारों) को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा 24 जुलाई 2020 को इस योजना की शुरुआत की गई।
:इसके तहत प्रशिक्षित कामगारों को इलेक्ट्रिक व्हील एवं ब्लंजर प्रदान किए जाते है,इसके अलावा प्रशिक्षण भी देना है।


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By gkvidya

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