
सन्दर्भ-उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया।
प्रमुख तथ्य-वित्तीय वर्ष 2022 -2023 के लिए बजट पेश करते हुए राज्य ने कुल 1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा।
:बजट को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किया गया,जो 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपये का होगा।
:यह बजट मुख्य रूप से बुनियादी ढांचें,रोजगार सृजन और युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित है।
:Covid-19 कारण जिन बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया है उनकी शिक्षा और सुरक्षा के लिए यूपी सीएम बाल सेवा योजना आरम्भ की गई है।
:इस योजना के तहत ऐसे बच्चों को 2500 रुपये हर माह दिया जाएगा।
:बजट में अगले पांच वर्षों में चार लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है।
:प्रदेश में अगले पांच वर्षों में दो करोड़ स्मार्टफोन/टैबलेट प्रदान किए जाएंगे।
:आयुष्मान भारत योजना हेतु 250 करोड़ और आयुष्मान कार्ड के लिए 560 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।
:विकलांगो के लिए भत्ता 300 रुपये से बढाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है।
:प्रदेश में 100 इन्क्यूबेटर तथा 10 हजार स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
:मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना हेतु 650 करोड़ रुपये को प्रस्तावित किया गया है।
:महिला उत्थान के लिए सूक्ष्म और लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण और कौशल विकास हेतु 20 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।
:बजट में अयोध्या, काशी और मथुरा समेत अदालतों और ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपे गए उत्तर प्रदेश के विशेष सुरक्षा बल के लिए 276.66 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
:स्वामी विवेकानंद युवा अधिकारिता योजना के लिए बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
:सरकार ने वाराणसी जिले में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना हेतु भूमि क्रय हेतु 95 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया है।
:रोजगार सृजन के लिए मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए और वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजना के तहत 32 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है।