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सन्दर्भ-भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)ने 13 मई 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में गगनयान कार्यक्रम के लिए मानव-रेटेड ठोस रॉकेट बूस्टर (HS200) का स्थैतिक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
प्रमुख तथ्य-HS200 उपग्रह प्रक्षेपण यान GSLV Mk III के S200 रॉकेट बूस्टर का मानव-रेटेड संस्करण है,जिसे LVM3 के नाम से जाना जाता है।
:इस परीक्षण का सफल समापन इसरो के प्रतिष्ठित मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन,गगनयान के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है,क्योंकि लॉन्च वाहन के पहले चरण की पूरी अवधि के लिए इसके प्रदर्शन के लिए परीक्षण किया जाता है।
:HS200 बूस्टर का डिजाइन और विकास वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम में पूरा किया गया और प्रोपेलेंट कास्टिंग एसडीएससी, श्रीहरिकोटा में पूरा किया गया।
:S200 मोटर, जो एलवीएम3 प्रक्षेपण यान का पहला चरण है, जिसका उद्देश्य 4,000 किलो वर्ग के उपग्रह को ईसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च करना है, को स्ट्रैप-ऑन रॉकेट बूस्टर के रूप में कॉन्फ़िगर किया गया था।
:चंद्रयान मिशन सहित इस प्रक्षेपण यान की सफल प्रक्षेपण वंशावली के आधार पर, LVM3 को गगनयान मिशन के लॉन्चर के रूप में पहचाना गया है।
:मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए, LVM3 प्रक्षेपण यान में मानव रेटिंग की आवश्यकताओं के अनुसार सुधार किए गए, यह कहा गया था।
:इस प्रणाली को देश भर में फैले विभिन्न उद्योगों की भागीदारी में इसरो द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
:भारत का सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक प्रयास गगनयान कार्यक्रम एक भारतीय को अंतरिक्ष में ले जाने और उसे सुरक्षित वापस लाने के अपने अंतिम लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।