सन्दर्भ–भारत और अमेरिकी सरकार के बीच 23 मई 2022 को टोक्यो, जापान में एक निवेश प्रोत्साहन समझौते (IIA –Investment Incentive Agreement) पर हस्ताक्षर किया गया।
प्रमुख तथ्य-यह निवेश प्रोत्साहन समझौता (IIA – Investment Incentive Agreement) वर्ष 1997 में भारत सरकार और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के बीच हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेगा।
:भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने के लिए DFC – Development Finance Corporation के लिए समझौता कानूनी आवश्यकता है।
:पूर्व में,1997 में निवेश प्रोत्साहन समझौता (IIA) पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति हुई हैं जिसमें डीएफसी नाम की एक नई एजेंसी का गठन भी शामिल है।
:डीएफसी अमेरिका की सरकार की एक विकास वित्त एजेंसी है और इसका गठन अमेरिका के हालिया कानून, बिल्ड एक्ट (BUILD Act) 2018, के अधिनियमन के बाद पूर्ववर्ती विदेशी निजी निवेश निगम (OPIC-Overseas Private Investment Corporation) की उत्तराधिकारी एजेंसी के रूप में हुआ है।
:ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा, संभावित परियोजनाओं एवं अनुदानों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन जैसे डीएफसी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
:डीएफसी या उनकी पूर्ववर्ती एजेंसियां भारत में 1974 से सक्रिय है और अब तक 5.8 बिलियन डॉलर की निवेश सहायता प्रदान कर चुकी हैं, जिसमें से 2.9 बिलियन डॉलर अभी भी बकाया है।
:डीएफसी के पास भारत में निवेश सहायता प्रदान करने के लिए 4 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव विचाराधीन है।
:ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस निवेश प्रोत्साहन समझौते पर हस्ताक्षर होने से भारत में डीएफसी द्वारा प्रदान की जाने वाली निवेश सहायता में वृद्धि होगी जिससे भारत के विकास में और अधिक मदद मिलेगी।