सन्दर्भ:
: फ्रांस की मेजबानी में भारतीय और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाले रणनीतिक जलडमरूमध्य में बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ला पेरोस (Exercise La Perouse) 2025 चल रहा है।
अभ्यास ला पेरोस के बारें में:
: ला पेरोस एक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है, जिसका उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना, अंतर-संचालन को बढ़ाना और भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच परिस्थितिजन्य जागरूकता विकसित करना है।
: इसके मेजबान देश है- फ्रांस इस अभ्यास का नेतृत्व करता है, जिसके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का नेतृत्व विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल करता है।
: इसे मलक्का, सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य में आयोजित किया जाता है, जो हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच प्रमुख चोकपॉइंट हैं।
: इसके सदस्य- 2025 के संस्करण में भारत, फ्रांस, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और यू.के. शामिल हैं।
: इसके उद्देश्य और लक्ष्य है:
- समुद्री सुरक्षा: अवैध तस्करी, पर्यावरणीय खतरों और समुद्री संकटों जैसे मुद्दों का समाधान करना।
- सहयोग को बढ़ाना: समुद्री निगरानी, हवाई संचालन और समुद्री अवरोधन में प्रशिक्षण।
- अंतर-संचालन: समकालिक संकट प्रबंधन के लिए IORIS जैसी उन्नत प्रणालियों का उपयोग करना।
- नियम-आधारित व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता: भारत के SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के साथ संरेखित एक स्थिर और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देना।