सन्दर्भ:
: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (ICRIER) द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में पिछले दशक में भारत में अति-प्रसंस्कृत भोजन (Ultra-Processed Foods) की बिक्री में उल्लेखनीय और चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है।
अल्ट्रा-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में:
: अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाद्य उत्पादों की एक श्रेणी है जो प्रसंस्करण के कई चरणों से गुज़री है, जिसमें अक्सर विभिन्न कृत्रिम अवयवों, जैसे संरक्षक, रंग, स्वाद और योजक शामिल होते हैं।
: इन खाद्य पदार्थों में आम तौर पर न्यूनतम संपूर्ण या प्राकृतिक सामग्री होती है और उनकी सुविधा, लंबी शेल्फ लाइफ और अक्सर नशे की लत स्वाद प्रोफाइल की विशेषता होती है।
: अध्ययन से पता चलता है कि महामारी के कारण चॉकलेट और चीनी कन्फेक्शनरी जैसी वस्तुओं की बिक्री 2019 में 10% से घटकर 2020 में 1% हो गई, लेकिन फिर 2021 में तेजी से बढ़कर 9% हो गई।
: इसी तरह, नमकीन स्नैक्स और पेय पदार्थों की खुदरा बिक्री 2019 में 14% से घटकर 2021 में क्रमशः 9% और 1% हो गई।
: रिपोर्ट बताती है कि 2032 तक, बाजार हिस्सेदारी में गिरावट के बावजूद, चॉकलेट, चीनी कन्फेक्शनरी, नमकीन स्नैक्स और तैयार भोजन जैसे अल्ट्रा-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बाजार पर हावी रहेंगे।