सन्दर्भ:
: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सशस्त्र बलों में युवाओं की अस्थायी भर्ती के लिए अग्नि पथ योजना की वैधता को बरकरार रखा।
इस निर्णय की वजह:
: मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने केंद्र सरकार की योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह को खारिज कर दिया और कहा कि इसे “राष्ट्रीय हित” में पेश किया गया है।
अग्नि पथ योजना से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: अग्निपथ योजना का अनावरण पिछले साल जून में किया गया था जिसमें सशस्त्र बलों की भर्ती के लिए नियमों की रूपरेखा तैयार की गई थी।
: इस योजना के तहत, 17.5 से 21 वर्ष की आयु के लगभग 46,000 सैनिकों को “अग्निवीर” के रूप में जाना जाएगा, जिन्हें अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर चार साल की अवधि के लिए तीनों सेवाओं में भर्ती किया जाएगा।
: बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया।
: इस अवधि के बाद, चयनित उम्मीदवारों में से केवल 25% स्थायी पदों पर समाहित किए जाएंगे जबकि अन्य सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
: इस योजना की शुरूआत ने देश के कई हिस्सों में व्यापक विरोध शुरू कर दिया, विशेष रूप से बढ़ती बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के चलते।
: नौकरी चाहने वालों के एक बड़े वर्ग ने शिकायत की कि यह योजना अग्निवीरों के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान नहीं करती है, जो चार साल की सेवा के बाद बेरोजगार हो जाएंगे।